यह एक बाग लगायेगा संवारेगा आने वाले कल को नये गीतों में फूँकेगा प्राण ! यह एक बाग लगायेगा संवारेगा आने वाले कल को नये गीतों में फूँकेगा प्राण !
तब कहीं जाके कितने मकबरों पर एक शहंशाह अपने अहं के महल की नींव रख पाता है। तब कहीं जाके कितने मकबरों पर एक शहंशाह अपने अहं के महल की नींव रख पाता है।
ऐ ख़ुदा तुने भी क्या खूब बनाया ! ऐ ख़ुदा तुने भी क्या खूब बनाया !
तब भी एक खत अधूरा था मेरे सिरहाने पर, जिस खत में था मेरा प्यार तेरे लिए। तब भी एक खत अधूरा था मेरे सिरहाने पर, जिस खत में था मेरा प्यार तेरे लिए।
कोई तो गले से लगाकर कहे कि आओ साथ बैठें। कोई तो गले से लगाकर कहे कि आओ साथ बैठें।
अपनी ही पसंद का है एक महल बनाया उसको बड़े ही चाव से मैंने सजाया अपनी ही पसंद का है एक महल बनाया उसको बड़े ही चाव से मैंने सजाया